SHIV CHALISA LYRICS FUNDAMENTALS EXPLAINED

shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained

shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained

Blog Article

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि shiv chalisa lyrics with meaning चैन न आवै ॥

अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

Report this page