shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्